
श्री कामाख्या देवी पोटली-Shri Kamakhya Devi Potli
विवरण
"कामाख्या वरदे देवी नील पर्वत वासिनी
तं देवी जगन्नमाता योनी मुद्रे नमोस्तुते"
पौराणिक कथा के अनुसार जब देवी सती अपने योगशक्ति से अपना देह त्याग दी तो भगवान शिव उनको लेकर घूमने लगे उसके बाद भगवान विष्णु अपने चक्र से उनका देह काटते गए तो नीलाचल पहाड़ी में भगवती सती की योनि (गर्भ) गिर गई, और उस योनि (गर्भ) ने एक देवी का रूप धारण किया, जिसे देवी कामाख्या कहा जाता है।तंत्र क्षेत्र में माता कामाख्या पीठ का अत्यंत ही महत्वपूर्ण स्थान है श्री कामाख्या देवी पोटली की स्थापना करने से जादू-टोना, तंत्र-मंत्र, भूत-प्रेत आदि से रक्षा होती है और व्यक्ति को चारो पुरुषार्थो की प्राप्ति अर्थात धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की प्राप्ति सहजता से हो जाती है।
श्री कामाख्या देवी पोटली के लाभ:
✔️यह विरोधियों, बुरी नजर, काला जादू, वित्तीय असुरक्षा, कानूनी कठिनाइयों, पुरानी समस्याओं और दुर्घटनाओं से सुरक्षा प्रदान करता है।
✔️यह किसी भी बुरी ताकतों, विशेषकर बुरे प्रभावो के खिलाफ एक ढाल (कवच) के रूप में कार्य करता है।
✔️यह नकारात्मक शक्तियों को बेअसर करती है, जिससे किसी भी नकारात्मकता या बुरी नजर को दूर किया जा सके।
✔️श्री कामाख्या देवी पोटली आपके आस-पास सकारात्मक वातावरण को बनाये रखती है
✔️इस पोटली को आप अपने घर या ऑफिस में स्थित तिजोरी में स्थापित कर सकते है
✔️श्री कामाख्या देवी पोटली को स्थापित करने से घर या व्यापार में धन की वृद्धि तथा सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता होता है
प्रिय भक्तों के प्रशंसा पत्र !
स्थापना विधि:-
श्री कामाख्या देवी पोटली की स्थापना सुबह रविवार को पूजा स्थान, धन स्थान, तिजोरी या कार्यस्थल पर ” क्लीं क्लीं कामाख्या क्लीं क्लीं नमः “ मंत्र का जाप करते हुए करनी चाहिए।
पोटली लेने की सम्पूर्ण प्रक्रिया।
01-पोटली का चयन करे।
02-अपनी जानकारी दर्ज करें और भुगतान करें।
03- पोटली दिए गए पते पर 3-4 दिनो मैं डिलीवरी कर दी जाएगी।