
पितृ दोष पोटली-Pitra Dosh Potli
विवरण:
ॐ श्री सर्व पितृ देवताभ्यो नमो नमः
नवम पर जब सूर्य और राहू की युति हो रही हो तो यह माना जाता है कि पितृ दोष योग बन रहा है। शास्त्र के अनुसार सूर्य तथा राहू जिस भी भाव में बैठते है, उस भाव के सभी फल नष्ट हो जाते है। व्यक्ति की कुण्डली में एक ऎसा दोष है जो इन सब दु:खों को एक साथ देने की क्षमता रखता है, इस दोष को पितृ दोष के नाम से जाना जाता है।धार्मिक मान्यता है कि पितृ दोष एक अदृश्य बाधा है। ये बाधा पितरों द्वारा रुष्ट होने के कारण होती है। पितरों के रुष्ट होने के बहुत से कारण हो सकते हैं। आपके आचरण से, किसी परिजन द्वारा की गयी गलती से ,श्राद्ध आदि कर्म ना करने से ,अंत्येष्टि कर्म आदि में हुई किसी त्रुटि के कारण भी हो सकता है।सरल शब्दों में कहें तो पितृ दोष किसी व्यक्ति की कुंडली में तब बनता है, जब उसके पूर्वजों ने अपनी जीवन यात्रा में कोई गलती, अपराध या पाप किया हो।
पितृदोष के लक्षण
✦पितृ दोष के कारण व्यापार या नौकरी में नुकसान होना
✦शादी में किसी तरह की रुकावट होना
✦घर में मौजूद किसी सदस्य का बीमार होना।
✦पितृदोष के कारण व्यक्ति को दुर्घटनाओं का भी सामना करना पड़ता है।
✦अचानक और रहस्यमय दुर्भाग्य जैसे वित्तीय कठिनाइयाँ, रिश्ते की समस्याएँ, स्वास्थ्य समस्याएँ या कोई दुर्भाग्यपूर्ण घटना।
पितृ दोष पोटली के लाभ:
✔️पितृ दोष पोटली आपके आस-पास सकारात्मक वातावरण को बनाये रखती है
✔️यह पोटली पितृ दोष को शांत करती है
✔️यह पोटली मानव जीवन में हो रहे तनाव को भी दूर करता है।
✔️पितृ दोष पोटली की स्थापना करने से नवग्रहों से शुभ फल प्राप्त होते है।
प्रिय भक्तों के प्रशंसा पत्र !
स्थापना विधि
पितृ दोष पोटली की स्थापना सुबह पूर्व दिशा में "ॐ श्री सर्व पितृ देवताभ्यो नमो नमः'' मंत्र का जाप करते हुए करनी चाहिए।
पोटली लेने की सम्पूर्ण प्रक्रिया।
01-पोटली का चयन करे।
02-अपनी जानकारी दर्ज करें और भुगतान करें।
03- पोटली दिए गए पते पर 3-4 दिनो मैं डिलीवरी कर दी जाएगी।