
राहु दोष पोटली-Rahu Dosh Potli
विवरण
"ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः"
समुद्र मंथन के दौरान अमृत को लेकर देवताओं और असुरों में भयानक लड़ाई हुई। अमृत ग्रहण करने के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण कर सभी असुरों को अपने मोहपाश में बाँधने का प्रयास किया। लेकिन राहु देवताओं की इस चाल को झट से समझ गए और देवता का रूप धारण कर सूर्य व चन्द्रमा के मध्य में अमृत ग्रहण करने के लिए बैठ गए।
जैसे ही भगवान विष्णु राहु को अमृत पान करवाने लगे तभी सूर्य व चन्द्रमा को संदेह हुआ। उन्होंने अपना संदेह भगवान् विष्णु को बताया तो विष्णु ने शीघ्र ही सुदर्शन चक्र से राहु का सर धड़ से अलग कर दिया। उसी सिर को राहु नाम दिया गया है जबकि धड़ को केतु का नाम दिया गया।
ज्योतिष में राहु की गिनती पाप ग्रहों में होती है, जिसकी छाया पड़ने से ही व्यक्ति पर संकट और परेशानियां आनी शुरू हो जाती हैं। राहु अगर कुंडली में विपरीत स्थिति में हो तो इसका जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। राहु के ही प्रभाव के चलते एक अच्छे भले मनुष्य की बुद्धि पर ताले पड़ जाते हैं और व्यक्ति ऐसे निर्णय ले लेता है जिसके दुष्परिणाम उसे भुगतने पड़ जाते हैं।
राहु दोष के लक्षण:-
राहु खराब होने से पेट संबंधी समस्या, सिर दर्द होना, रिश्ते खराब होना, स्वयं को ले कर गलतफहमी, आर्थिक नुकसान, आपसी नुकसान, आपसी तालमेल में कमी, बात बात पर आपा खोना, वाणी का कठोर होना, वाहन दुर्घटना, नींद न आना, डरावने सपने आना, सोते समय बार-बार डर जाना, शरीर में कमजोरी या फिर बहुत अधिक आलस
राहु दोष पोटली के लाभ:-
✔️मानसिक स्थिरता और चिंतामुक्त रहना,
✔️नौकरी या व्यवसाय में सफलता प्राप्त होना,
✔️बुरी परिस्थितियों से लड़ने की क्षमता रखना,
✔️शुभ राहु की स्थिति में सेहत अच्छी रहना,
✔️वाणी में मधुरता आना,
✔️मान-सम्मान में वृद्धि होना,
✔️भाग्य का हर कदम पर साथ देना
प्रिय भक्तों के प्रशंसा पत्र !
स्थापना विधि:-
राहु दोष पोटली की स्थापना सुबह दक्षिण-पश्चिम दिशा में "ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः" मंत्र का जाप करते हुए करनी चाहिए।
पोटली लेने की सम्पूर्ण प्रक्रिया।
01-पोटली का चयन करे।
02-अपनी जानकारी दर्ज करें और भुगतान करें।
03- पोटली दिए गए पते पर 3-4 दिनो मैं डिलीवरी कर दी जाएगी।